तीन दिवस में मांगा जवाब, संतोषप्रद नहीं होने की दशा में होगी अनुशासनात्मक कार्यवाही
प्रदेश: धार। 26 जनवरी 2024 को जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ साजी जोसेफ ने मुख्यालय पर होने के बावजूद ध्वजारोहण नही किया था। जिसकी खबर दैनिक स्वतंत्र एलान अखबार ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी। उक्त ध्वजारोहण का कार्यक्रम वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अनिल वर्मा ने संपन्न करवाया था।
नोटिस में यह लिखा है
आप सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के पद पर पदस्थ होकर कार्य संपादित कर रहे हैं। दिनांक 26 जनवरी 2024 को राष्ट्रीय त्योहार गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में आपके द्वारा जिला अस्पताल परिसर में ध्वजारोहण नहीं किया गया। जिसकी खबर दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित हुई है। जिसमें यह भी लिखा है कि वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अनिल वर्मा ने जिला अस्पताल परिसर में ध्वजारोहण किया और आप मुख्यालय पर होने के बावजूद ध्वजारोहण के लिए जिला अस्पताल परिसर में नहीं गए तथा आप फोन भी रिसीव नहीं करते हैं तथा अस्पताल के चिकित्सक भी अस्पताल में समय पर उपस्थित नहीं रहते हैं तथा मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में रेफर कर देते हैं। प्राइवेट अस्पताल वालों से मिली भगत का आरोप भी लगाया गया है।
अतः आपको कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुए निर्देशित किया जाता है कि पत्र प्राप्ति के तीन दिवस में अपना स्पष्टीकरण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला धार के अभिमत के साथ अधोहस्ताक्षर कर्ता को प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें, समय सीमा में स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होने एवं संतोषप्रद नहीं होने की दशा में मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम तीन के उप नियम एक के खंड एक दो तीन के अनुसार आपके विरुद्ध एक पक्षीय अनुशासनात्मक कार्रवाई हेतु वरिष्ठ कार्यालय को लिखा जाएगा इसके लिए आप स्वयं जवाबदार होंगे।
सिविल सर्जन डॉ जोसेफ नही उठाते हैं फोन
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ साजी जोसेफ जब से धार जिला अस्पताल में पदस्थ हुए हैं उसके बाद से जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं भंग होने लगी। धार जिला आदिवासी बहुल क्षेत्र में होने के कारण जिला अस्पताल में गरीब, निर्धन आदिवासी वर्ग के लोग आते हैं जिन्हें शासन की योजनाओं का लाभ नही मिलता है और शिकायत करने के लिए जब सिविल सर्जन को मोबाईल फ़ोन लगाओ तो यह मोबाईल फ़ोन रिसीव नहीं करते हैं। जिला अस्पताल आम आदमी व जनहित से जुड़ा हुआ है और ज़िम्मेदार अधिकारी के द्वारा मोबाईल फ़ोन नही उठाना गम्भीर मामला हैं। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए। जबकि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एनएस गहलोत ने भी सिविल सर्जन को मोबाईल फ़ोन रिसीव करने के लिए मौखिक रूप से निर्देश दिए थे। सिविल सर्जन के द्वारा वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश का भी पालन नही किया।
जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं हुई भंग
जब से डॉ साजी जोसेफ की पदस्थापना हुई है उसके बाद से ही जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं भंग होने लगी। डॉक्टर ओपीडी से गायब रहते हैं और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी लापरवाह बन चुके हैं नियमित रूप से साफ सफाई नही होती हैं। धार जिला असपताल कायाकल्प योजना में पिछड़ गया है।